》Takleef to zindagi hi deti h maut
ko to log yuhi badnaam karte h …
》 Manzil mil hi jayegi bhatakte hi
sahi, Gumrah to wo log h jo ghr se
nikle hi nahi ..
》 Jab tak hum ye jaan pate h ki
zindagi kya h Tab tak ye aadhi khatm
ho chuki hoti hain …
》Maut Jeevan ka ant karti h, rishte
ka nahi …
》Gum na karna zindagi me kyuki
gum ek h, Chod do saare gum kyuki
khusiyaan anek h…
》 Kisi se kabhi koi umeed mat
rakhna, Kyu ki umeed humesha dard
deti hain………
》 तेरी ख्वाहिश कर ली तो कौनसा
गुनाह कर दिया… . लोग तो इबादत
मे पुरी कायनात मांग लेते है….
》 समंदर से भी गहरी है, मेरे यार की
आँखें….!! नदियों से भी लहरी है, मेरे
दिलदार की आँखे, खो जाता हूँ इन
नैन में,…
》 मेरे वक्त पे अपनी राय न दे ऐ ग़ालिब,
एक दिन मेरा वक्त भी बदलेगा और
तेरी राय भी….!
》 हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह
अन्दाज़ से, देखा है आज खुद को कुछ
पुरानी तस्वीरों में….!
》 पता नहीं तू रूठी थी या मैं रूठा था,
साथ हमारा बस जरा सी बात पे छूटा
था !
》 दर्द की अपनी भी एक अदा है…. वो
सहने वालो पे ही फ़िदा है…
》 तकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी
का कोई मकसद हो; वरना ज़िन्दगी
तो कट ही जाती है, तकदीर को
इल्जाम देते देते!
》 ना मेरा दिल बुरा था, ना उसमे कोई
बुराई थी, सब मुक़द्दर का खेल है, बस
किस्मत में जुदाई थी…!
》 कुछ तो शराफत सीख ले ऐ इश्क़ शराब
से; बोतल पे लिखा तो है मैं जानलेवा
हूँ।
》 बहुत नज़दीक आते जा रहे हो, बिछड़ने
का इरादा कर लिया है क्या..??
》 मेरे पलको पे आँसु प्यार की तौहीन
उनके आँखो से गिरे तो मोती हो गए
》 कितने मुख्तलिफ हैं ज़माने से हमारे ख्यालात ,
लोग जिंदगी पे फ़िदा हैं और हम जिंदगी से खफा .
》 हाथों की लकीरें सिर्फ सजावट
बयाँ करती हैं…..!!
किस्मत अगर मालूम होती तो कभी इश्क
ना करता….!!
》 कभी वापस आओ तो खबर कर देना
हम तो पागल हैं तेरी याद में खोये रहते हैँ
》 बताँऊ तुम्हें एक निशानी उदास लोगों की….. कभी गौर करना यें हसंते बहुत हैं..!!
》 हुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूम,
.
की तू नही था तेरे साथ एक दुनिया थी।
》 हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,,,
पर कोई हुनर काम नहीं आता ,जब तेरा नाम आता हैं…!!
》 ये मोहब्बत भी आग जैसी है ..लग जाये
तो बुझती नही..और…बुझ जाये तो..जलन होती ह
》 लोग कहते है कि मेरा दिल पत्थर का है,
विश्वास कीजिये, लोग इसे भी तोड़ गए..!!
》 अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहां में कामयाबी के लिए,
काफिला और दोस्त अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं !!
》 लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे…!! मोत अछी है मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं…!!
》 तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभालकर, वरना मैं अभी दे दूँ, जिस्म से रूह निकालकर…!!
》 भूल जाना तुम मुझे पर ये याद रखना….!!
तेरी रूह रोयेगी, जब कोई मेरा नाम लेगा….!!
》 वफा सीखनी है तो “मौत” से सीखो
जो
एक बार अपना बना ले तो फिर किसी और का होने नही देती
》 नफरत के इस दौर में भी चार लोगों से रिश्ता बना कर रखना मेरे दोस्त…
सुना है लाश को श्मशान तक दौलत नहीं ले जती !
》 कितने मुख्तलिफ हैं ज़माने से हमारे ख्यालात ,
लोग जिंदगी पे फ़िदा हैं और हम जिंदगी से खफा .
》 कर ली ना तसल्ली…!!
दिल तोड़ के मेरा मैंने कहा भी था…..
कुछ नहीं है इसमें तुम्हारे सिवा !
》 यही सजा है उसकी की उसे कभी मेरा दीदार ना हो
और लाख कोशिशो के बाद भी उसे मेरे सिबा और किसी से प्यार ना हो
》 जो उड गए पँरिदे उनका अफसोस क्यूँ कँरू
यहाँ तो पाले हुए भी गैरो की छतो पर उतरते है
》 शुक्रिया आपका जो दिल तोङ के छोङ दिया…..
तुम चाहती तो जान भी ले सकते थे..
》 एक बार और उलझना हैं किस्मतसे,
बहुत कुछ सुलझाने के लिये……
》 हाथों की लकीरों— मैं तुम

हो ना हो….. जिदंगी भर दिल में जरूर रहोगे…….!
》 कुछ मुलाकाते ” दरवाज़े ” खोल जाती है ..
या तो ” दिल ” के या तो “आँखो ” के ।
》 यूँ गुमसुम मत बैठो,,
पराये लगते हो,,,
मीठी बातें

नहीं है तो चलो झगड़ा ही कर लो…
》 वफ़ा में अगर ताक़त होती थी
तो आज “बेवफाई” होती ही नहीं
》 जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..
》 मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का…
》 मशवरा तो खूब देते हो “खुश रहा करो” कभी कभी वजह भी दे दिया करो…
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