
मेरी उंगलियाकभी दुखती नहीं, जब में message करता हु तेरे लिए
लेकिन मेरा दिल तब दुखता है
जब तेरा Reply नहीं आता
मेरे लिए
मुस्कुराया तेरे लिए…
अब तू बता
कभी तू रोई मेरे लिए
एक को दिल चाहिए तो एक को धड़कन..!!
Magar रोशनी तो hamare आनै se hi hogi
केसे भी तोड दे ये मेरा दिल हे इसे बेचने
का मेरा इरादा नहीँ ओर खरीदने
की तेरी ओकात नहीं ।।
जो हमारे न हुए..
नफरत तो हमे उन से है..
जो हमे अपना कहते थे फिर भी गैरोँ के हुए…
हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी..
लोगों से सुना है……
दौलत और शोहरत साथ नही जाते….।।
हूँ,
वो रोज जोड़ती है मुझे, फिर से तोड़ने के
लिये,
दौलत है , शोहरत है ,ईज्जत है……!!
बस लडकियों के कमेंट्स की ज़रुरत है……!!!
उस ने कब कहा था की तू मुहब्बत कर..!!
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सिर्फ वो ही नही मिलता जो हमारे दिल मे होता है…..
मेरे घर का इकलौता आईना भी आज टूट गया !!
हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही आज भी है।।
कुछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं!..
आज एक अश्क़ मेरे सबर की तौहीन कर गया !
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एक पल की हंसी और एक पल की खुशी बहुत है……!!!!!
आज भी हैं
और हमेशा रहेंगे…….!आपके बिना, अधूरे हम…..
“सजदे में आज भी झुकते हैं सर,
बस मौला बदल गया देखो।”
नहीं मगर जाने क्यों, कुछ कुछ अपनी सी लगती हो।..
ने बारीश का मजा ले लिया…
सॉवरे कैसे करू फलक के उस चॉद से तुलना
तेरी..
जिसका आकार बदल जाता है हर रात के
बाद..!!!
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जो दिल मे “जहर” और बातो मे “मिठास” रखते है….
जनाजे को ले जाते वक्त ये ना सोचो के तुम उसे उसकी मंजिल तक पोहचा रहे हो,
हकीकत मे वो जनाजा तुम्हे तुम्हारी मंजिल बता रहा है….
मुझे इसलिए भी पसंद हैं मासूम लोग…
कमेंट करते हो, अगर आप लोग नहीं सुधरे तो मैं
इस मामले को
सयुंक्त राष्ट्र में ले जाऊंगा।
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किसी की फितरत देखनी हो तो उसे आजादी दो…!!
ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे…. किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है.
लहर जब तेज़ आती है,घरौंदे टूट जाते हैं
‘पसंद’ है मुझे…..’उन’ लोगों से ‘हारना’…..!!
जो मेरे ‘हारने’ की वजह से…..’पहली’ बार ‘जीते’ हों…..!!!!!
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और,,,,,,
मुझे ”आँखों” में रखती हैं ”काजल” की तरह……!!!
जो देखता हूं मैं..आपको भी आऐगा नज़र..हुज़ूर … चश्मों से नहीं आंखों से देखिए..!!
भुला दिया उसने मुझे…
ज़र्रा ज़र्रा करके…….
कोई ख्वाबों का तो कोई ख़्वाहिशों का….
रखना “मन”…
क्यों कि…
‘नकाब’ हो या ‘नसीब’…
सरकता ज़रूर है…..
एक्सपर्ट क्यूँ न हो…???
पर…
वो आँखों से बहता…
पानी बंद नहीं कर सकता..!
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बहुत कुछ है, जो मुझमें राख़ हो चुका है…!!
हमीं में आ गया कुछ नुक्स, या कामिल नहीं मिलता।
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पर जिन्दगी तो उम्मीद पर टिकी होती है…!!
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो..!!!
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