छुपे छुपे से रहते हैं सरे आम नहीं हुआ करते...
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते...
काश वो पल पैदा ही ना हो,
जिस पल में नजर तू ना आये !!
वो बेशक चले गये हों इश्क का स्कूल छोड़कर,हम
आज भी याद की क्लास में रोज़ हाजिरी देते हैं।
जहां हो, जैसे हो, वहीं ....
वैसे ही रहना तुम ,.
तुम्हें पाना जरुरी नहीं....
तुम्हारा होना ही काफी है !
ताज महल को बनाना तो हमें भी आ गया है अब.. ..
कोई एक मुठ्ठी वफ़ा अगर ला दे ,तो हम काम शुरू करें..
प्रेम से रहो दोस्तों जरा सी बात पे रूठा नहीं करते,
पत्ते वहीं सुन्दर दिखते है जो शाख से टूटा नहीं करते !!
तेरी यादों पर वार देते है,
हम रातें यूँ ही गुजार देते है !!
अगर ये सच है... की हर लङकी पैसो पर नही मरती...
तो ये भी सच है की.....हर लङका जिस्म पर नही मरता..
भरोसा एक रबड़ की तरह होता है,
जो हर गलती के बाद छोटा और छोटा होता जाता है !!
पानी को भी प्यास लगे...
तेरे लबों से मिल के....
मेरे छोटे से दिल में......
तेरे लिए बड़ी-बड़ी चाहतें रहतीं हैं !
अदालत ईष्क की होगी, मुकादमा मोहब्बत पे चलेगा,
ग्वाही मेरा दिल देगा, और मुज्रिम तेरा प्यार होगा..
मै तो फ़ना हो गया उसकी एक झलक देखकर ,
ना जाने आईने पर रोज क्या गुजरती होगी ..
काश कोई ऐसी सुबह आए मेरी ज़िन्दगी में
मेरी आँखें खुलें तेरी चूड़ियों की खन-खन से।।
मुझ से मोहब्बत कर लो,वरना सज़ा दूँगा
कमर से पकड़ूँगा ओर सीने से लगा लूँगा.
बार बार पूछने से जवाब बदल थोड़ी जायेगा
बता तो दिया ज़िन्दगी हो तुम
ग़र बस में हो, तो वहीं थाम लूँ वक़्त को,
तेरी बाहों जैसा सुकून, दुनियादारी में कहाँ.
"मुझसे मत पुछा कर ठिकाना मेरा,
तुझ में ही लापता हूँ कही
आज भी एक सवाल छिपा है दिल के
किसी कोने में ,,
की क्या कमी रह गई थी "तेरा" होने में.
ये ज़रूरी तो नही ना कि.. जिनके दिल में प्यार हो.... उनकी किस्मत में भी प्यार हो.
एहसास-ए-महौब्बत के लिये बस इतना ही काफ़ी है
"हम" तेरे वग़ैर भी "तेरे"ही रहते हैं
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते...
काश वो पल पैदा ही ना हो,
जिस पल में नजर तू ना आये !!
वो बेशक चले गये हों इश्क का स्कूल छोड़कर,हम
आज भी याद की क्लास में रोज़ हाजिरी देते हैं।
जहां हो, जैसे हो, वहीं ....
वैसे ही रहना तुम ,.
तुम्हें पाना जरुरी नहीं....
तुम्हारा होना ही काफी है !
ताज महल को बनाना तो हमें भी आ गया है अब.. ..
कोई एक मुठ्ठी वफ़ा अगर ला दे ,तो हम काम शुरू करें..
प्रेम से रहो दोस्तों जरा सी बात पे रूठा नहीं करते,
पत्ते वहीं सुन्दर दिखते है जो शाख से टूटा नहीं करते !!
तेरी यादों पर वार देते है,
हम रातें यूँ ही गुजार देते है !!
अगर ये सच है... की हर लङकी पैसो पर नही मरती...
तो ये भी सच है की.....हर लङका जिस्म पर नही मरता..
भरोसा एक रबड़ की तरह होता है,
जो हर गलती के बाद छोटा और छोटा होता जाता है !!
पानी को भी प्यास लगे...
तेरे लबों से मिल के....
मेरे छोटे से दिल में......
तेरे लिए बड़ी-बड़ी चाहतें रहतीं हैं !
अदालत ईष्क की होगी, मुकादमा मोहब्बत पे चलेगा,
ग्वाही मेरा दिल देगा, और मुज्रिम तेरा प्यार होगा..
मै तो फ़ना हो गया उसकी एक झलक देखकर ,
ना जाने आईने पर रोज क्या गुजरती होगी ..
काश कोई ऐसी सुबह आए मेरी ज़िन्दगी में
मेरी आँखें खुलें तेरी चूड़ियों की खन-खन से।।
मुझ से मोहब्बत कर लो,वरना सज़ा दूँगा
कमर से पकड़ूँगा ओर सीने से लगा लूँगा.
बार बार पूछने से जवाब बदल थोड़ी जायेगा
बता तो दिया ज़िन्दगी हो तुम
ग़र बस में हो, तो वहीं थाम लूँ वक़्त को,
तेरी बाहों जैसा सुकून, दुनियादारी में कहाँ.
"मुझसे मत पुछा कर ठिकाना मेरा,
तुझ में ही लापता हूँ कही
आज भी एक सवाल छिपा है दिल के
किसी कोने में ,,
की क्या कमी रह गई थी "तेरा" होने में.
ये ज़रूरी तो नही ना कि.. जिनके दिल में प्यार हो.... उनकी किस्मत में भी प्यार हो.
एहसास-ए-महौब्बत के लिये बस इतना ही काफ़ी है
"हम" तेरे वग़ैर भी "तेरे"ही रहते हैं
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