मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह,
शायद उसने भी किसी पत्थर से मोहब्बत की होगी।💕💕
दुआ कौन सी थी हमे याद नही बस इतना याद है,
दो हथेलियाँ जुड़ी थी एक तेरी थी एक मेरी थी..
उम्मीद न कर इस दुनिया मेँ, किसी से हमदर्दी की,
बड़े प्यार से जख्म देते हैँ, शिद्दत से चाहने वाले....।
माना वो थोड़े से रूखे - रूखे है, पर ये भी
सच है कि मोहब्बत हम उन्ही से सीखे है..!!
जाने क्या असर कर गयीं तेरी बातें...वर्ना इस
तरह कभी याद किसी की आयी न थी !!!
मुद्दतें गुज़र गई तेरी याद भी न आई हमें,
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं !!!
बड़ी खुश है आज मेरे बिना भी वो ..!
जो दूर जाने के ज़िक्र पे होंठो पे हाथ रख देती थी..!
तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हु मै,
वरना मरने का इरादा तो रोज होता है !!
जादू आता है तुम्हे, या किसी और इल्म में माहिर हो..
हमारे दिल पे क़ब्ज़ा, किसी आम शख्स का काम नहीं
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो,
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते...!
बदलेंगे नहीं ज़ज़्बात मेरे तारीखों की तरह,
बेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश उम्र भर रहेगी।
हमने भी मुआवजे की अर्जी डाली है साहब,
आपकी यादों की बारिश ने काफ़ी नुकसान पहुँचाया है !
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