कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हम को फ़राज़ ;
दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गयी।...
हमने भी एक ऐसे शख्स को टूट कर चाहा है,,,
जिसे भूलना मेरे बस मे नही और पाना मेरी किस्मत मे नही...!!!
कैसे मान लिया तुमने कि मुझको मोहब्बत नहीं रही.......
एक तेरे अलावा मुझे किसी की ज़रूरत भी तो नही.....
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल..
अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !
यूँ ही तो नहीं भड़की ये आग मोहब्बत की,
कुछ तो तुमने भी अपने दामन से हवा दी होगी....
हमारे पास तो सिर्फ तेरी यादे है....
जिंदगी तोह उसे मुबारक हो जिसके पास तू है ...
बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी लगती हैं, लेकिन बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते। ।
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...
तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!
जब बिखरेगा तेरी गालों पे तेरी आँखों का पानी,
तब तुझे एहसास होगा की मोहब्बत किसे केहते है !!
मत पूछ कि मेरा कारोबार क्या है..
मुहब्बत की दुकान है नफरत के बाज़ार में..
रोज़ कहता हूँ कि भूल जाऊँगा उसे..
मगर ना जाने क्यूँ रोज़ ये बात भूल जाता हूँ..
खुदाबंद मेरी गुमराहियों पर दरगुजर फरमां,
मैं उस माहौल में रहता हूँ जिसका नाम दुनिया है..
हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ ,
अनकही बात को किस तरह सुना जाता है..
बरसो बाद फोन पर हम दोनो देर तक खामोश ही रहेँ..
लफ्ज सारे गायब थे,
पर "बाते हजारो" हो गयी..!!
लोग इन्सान देखकर मोहब्बत करते हैं, ..
मैने मोहब्बत करके इन्सानों को देख लिया।
दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गयी।...
हमने भी एक ऐसे शख्स को टूट कर चाहा है,,,
जिसे भूलना मेरे बस मे नही और पाना मेरी किस्मत मे नही...!!!
कैसे मान लिया तुमने कि मुझको मोहब्बत नहीं रही.......
एक तेरे अलावा मुझे किसी की ज़रूरत भी तो नही.....
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल..
अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !
यूँ ही तो नहीं भड़की ये आग मोहब्बत की,
कुछ तो तुमने भी अपने दामन से हवा दी होगी....
हमारे पास तो सिर्फ तेरी यादे है....
जिंदगी तोह उसे मुबारक हो जिसके पास तू है ...
बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी लगती हैं, लेकिन बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते। ।
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...
तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!
जब बिखरेगा तेरी गालों पे तेरी आँखों का पानी,
तब तुझे एहसास होगा की मोहब्बत किसे केहते है !!
मत पूछ कि मेरा कारोबार क्या है..
मुहब्बत की दुकान है नफरत के बाज़ार में..
रोज़ कहता हूँ कि भूल जाऊँगा उसे..
मगर ना जाने क्यूँ रोज़ ये बात भूल जाता हूँ..
खुदाबंद मेरी गुमराहियों पर दरगुजर फरमां,
मैं उस माहौल में रहता हूँ जिसका नाम दुनिया है..
हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआ ,
अनकही बात को किस तरह सुना जाता है..
बरसो बाद फोन पर हम दोनो देर तक खामोश ही रहेँ..
लफ्ज सारे गायब थे,
पर "बाते हजारो" हो गयी..!!
लोग इन्सान देखकर मोहब्बत करते हैं, ..
मैने मोहब्बत करके इन्सानों को देख लिया।
Heart touching lines
ReplyDeleteNice Article
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