क्या मेरे सिवा शहर में मासूम हैं सारे..??
खफा है मगर करीब बैठे है.
की जीने के लिए मजबूर हो जाऊ
बहुत तङपाते हैँ अक्सर सीने से लगाने वाले.
तेरी मोहबत का कर्ज़ा बहुत भारी पड़ा.
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राख होता हुआ वजूद मुझसे थक कर सवाल करता है,
मुहब्बत करना तेरे लिए इतना ही जरुरी था क्या.
शायद उसमें , जान डालने का इरादा है उनका.
सौ बार कहा दिल ने, तुम दिल से नहीं कहते !!
रॊज ये बात भूल जाता हू मै
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ये तो कहिये इस खता की क्या सजा है,
मै जो कह दू आप पर मरता हू मै
तुम्हें वफ़ा नहीं आती, या तुमसे की नहीं जाती.
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