》 हमेँ देख कर उसने,,,,,,, मुह मोड लिया...
तसल्ली सी हो गयी.,,,, पहचानती तो है...!
तसल्ली सी हो गयी.,,,, पहचानती तो है...!
》 हम अपनी रूह
तेरे जिस्म में छोङ आये....
गले मिलना... तो एक बहाना था....
तेरे जिस्म में छोङ आये....
गले मिलना... तो एक बहाना था....
》 मेरे आँसुओ से कह दो छिपे रहे पलकों में ही आज,
कोई अपना आया है मिलने मुझसे मुद्दतों के बाद..!!
कोई अपना आया है मिलने मुझसे मुद्दतों के बाद..!!
》 मै कितना भी अच्छा रहने की कोशिश करू.... फिर भी लडकिया कहती हैं साला सुधरेगा नही......!!
》 एक तेरी ज़िद ने किस हाल में ला दिया है हमें,
जो जज़्बात थे सिर्फ तुम्हारे लिए,
उन्हें अब ज़माना पढ़ रहा है...!!!
जो जज़्बात थे सिर्फ तुम्हारे लिए,
उन्हें अब ज़माना पढ़ रहा है...!!!
》 बिलकुल ज़ुदा हैं मेरे महबूब की सादगी का अंदाज़ ,
नज़रे भी मुझ पर गड़ाये बैठे हैं और कहते है जी लेंगे हम तेरे बिन ..
नज़रे भी मुझ पर गड़ाये बैठे हैं और कहते है जी लेंगे हम तेरे बिन ..
》 मरने के नाम से जो रखते थे होठों पे उंगलियां,
अफसोस वही लोग मेरे दिल के कातिल निकले........
अफसोस वही लोग मेरे दिल के कातिल निकले........
》 माना की ऐ सनम तुमने मोहब्बत का हर फर्ज निभाया है,
पर उस मां को कैसे भूल जाऊ जिसने प्यार करना सिखाया है.
पर उस मां को कैसे भूल जाऊ जिसने प्यार करना सिखाया है.
》 तुम्हे हाथो से नहीं दिल से छुना चाहते हैं...
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ताकि तुम ख्वाबों में नहीं मेरी रूह में आ सको......
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ताकि तुम ख्वाबों में नहीं मेरी रूह में आ सको......
》 नब्ज़ मेरी देखकर तो बोला हकीम..
ज़िंदा है इसमें कोई..लेकिन ये मर चुका है..!
ज़िंदा है इसमें कोई..लेकिन ये मर चुका है..!
》 न जाने इस जिद का नतीजा क्या होगा
समझता दिल भी नही, वो भी नही, मै भी नही।।..
समझता दिल भी नही, वो भी नही, मै भी नही।।..
》 लोग दीवाने हैं बनावट के...
हम सादगी लेकर कहाँ जायें?
हम सादगी लेकर कहाँ जायें?
》 मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब,
ताल्लुकात कम कर देने से कम नहीं होती...!!!
ताल्लुकात कम कर देने से कम नहीं होती...!!!
》 मोहब्बत से फतैह करो लोगो के दिलो को,
जरुरी तो नही सिकन्दर की तरह तलवार रखी जाये.
जरुरी तो नही सिकन्दर की तरह तलवार रखी जाये.
》 हम अपनी रूह
तेरे जिस्म में छोङ आये....
गले मिलना... तो एक बहाना था....
तेरे जिस्म में छोङ आये....
गले मिलना... तो एक बहाना था....
》 बडी देर से देख रहा हूँ आज तस्वीर तेरी
देख कर जाने क्यों लगा कि तुम वो ना रहे जो पहले थी...
देख कर जाने क्यों लगा कि तुम वो ना रहे जो पहले थी...
》 मेरे लफ़्ज तो शायद आप लोगो को पसंद नहीं आये..
काश..मेरे दिल को पढ़ पाते तुम..!
काश..मेरे दिल को पढ़ पाते तुम..!
》 थोड़ी शायरी, कुछ नगमे..
आइए साथ चलें इश्क़ के सफ़र पर !!
आइए साथ चलें इश्क़ के सफ़र पर !!
》 तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो कैसे हो
इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है
इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है
》 मेरी फितरत में नहीं है अपना गम बयान करना,
अगर अहसास है तो महसूस कर तकलीफ मेरी..!!
अगर अहसास है तो महसूस कर तकलीफ मेरी..!!
》 हासिल हो जाये हर चीज़ आसानी से तो मज़ा ही क्या है,
हो के अपना कोई खो जाये इससे बड़ी सजा भी क्या है..!!!
हो के अपना कोई खो जाये इससे बड़ी सजा भी क्या है..!!!
》 ऐ मेरे खुदा मुझ पर इतना तो रहम कर दे , पूरी न की
उन्हें पाने की ख्वाइश तो उसे दिल से तो खत्म कर दे..!!
उन्हें पाने की ख्वाइश तो उसे दिल से तो खत्म कर दे..!!
》 ताल्लुकात बढ़ाने है तो कुछ आदते बुरी सीख लो,
ऐब न हों तो लोग महफ़िलों में नहीं बिठाते...!!
ऐब न हों तो लोग महफ़िलों में नहीं बिठाते...!!
》 आँखों ने तुझे देखा था,और दिल ने पसंद किया...
बता..!!!
आँखे निकाल दूँ,,,? या सीने से दिल...?
बता..!!!
आँखे निकाल दूँ,,,? या सीने से दिल...?
》 मुझ को किसी पे टुट के मरने ना दिया,
दुनिया ने ढंग से इश्क भी करने ना दिया.
दुनिया ने ढंग से इश्क भी करने ना दिया.
》 लोग दीवाने हैं बनावट के...
हम सादगी लेकर कहाँ जायें?
हम सादगी लेकर कहाँ जायें?
》 कुछ खता थी खामोशियो की.
कुछ इल्ज़ाम थे शाम के..
कुछ इल्ज़ाम थे शाम के..
》 आज कल की लडकिया बहोत सच्ची होती है।।
लड़को का दिल तोड़ सकती है..मगर अपना वादा नहीं !!
लड़को का दिल तोड़ सकती है..मगर अपना वादा नहीं !!
》 पाने की चाहत🏻तो सिर्फ तुझे थी
अब कोई फरिश्ता भी आ जाये तो भी मोहब्बत ना करू
अब कोई फरिश्ता भी आ जाये तो भी मोहब्बत ना करू
》 उस 'गरीब' की 'उम्मीदें'
क्या होंगी,
जिसकी 'साँसे' भी 'गुबारों' में
बिकती है...।
क्या होंगी,
जिसकी 'साँसे' भी 'गुबारों' में
बिकती है...।
》 जब आप इश्क़ में होते है तो कुछ सही गलत नहीं- होता
बस इश्क़ होता है..
बस इश्क़ होता है..
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