जिंदगी नहीं..
जबतक काम है तब तक तेरा नाम है वरना दुर से सलाम है
जब सपने हमारे हैं तो
कोशिशें भी हमारी होनी चाहिए,..!
और छोटो से प्यार इसलिए करता हु, क्यूंकि उनके गुनाह मुझसे कम है…।
ना गम चाहिए ना कम चाहिए !!!
अच्छी…जितनी मुट्ठियों मे समा जाए.
छलकती ,बिखरती खुशियो को ..अक्सर नजर लग
जाया करती है …………..
मेहनत पे मेहनत करो तो तक़दीर बन जाती है।
हसाने की गारंटी नही देता हूँ, पर तेरे साथ रोऊंगा जरुर।.
और
‘सफल इंसान’ बनने के लिए एक-एक क्षण का सदुपयोग करना पडता है।
या मंदिर में गंगा की धार करे….वो घर ही मंदिर-मस्जिद हे,जहां बच्चे मा-बापका सत्कार करे..
भगवान की कथा, और मनुष्य की व्यथा !!
उनके किसमत के पने कभी खाली नहीं होते।
क्योंकि सोने की शुद्धता पर ही संदेह किया जाता है लोहे की नही ।
गलतियाँ निकालने के लिए.
लेकिन एक सुंदर दिल होना चाहिए गलतियाँ कबूल करने के लिए |
तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती .
और जो भी पाया वो प्रभू की मेहरबानी थी,
खुबसूरत रिश्ता है मेरे और भगवान के बीच में,
ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं……….
गांव और शहर में क्या अन्तर है ….??
बहुत सुन्दर उत्तर दिया उसने ….
इतना ही अन्तर है कि गांव में ,
कुत्ते आवारा घूमते हैं और गौमाता पाली जाती है …..
और शहर में कुत्ता पाला जाता है और गौमाता आवारा घुमती हैं ..
सागर का पानी खारा होता है क्योंकि वो हमेशा लेता रहता है।
नाले का पानी हमेशा दुर्गंध देता है क्योंकि वो रूका हुआ होता है।
यही जिंदगी है
देते रहोगे तो सबको मीठे लगोगे ।
लेते रहोगे तो खारे लगोगे।
और अगर रुक गये तो सबको बेकार लगोगे..
दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए!!
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के,
दुख मे शामिल हो जाए !
परजीवन मे आप किस किस के दिल में बने रहेगे
यह आपका व्यवहार तय करेगा !!
वरना सारी दुनिया जीत कर भी हार जाओगे !
“समय आव्ये सबंधो नी किंमत समजाय छे,
बाकी सबंधो तो बधा सोना ना ज कहेवाय ..
No comments:
Post a Comment